रफल की पहली पायलट बनना चाहती है एस्ट्रोनॉट
देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए
कई साल पहले शिवांगी नई दिल्लीके
वायु सेवा संग्रहालय में गई थी तब छोटी थी इस संग्रहालय में समय को याद करते हुए उन्होंने यही में रोमांचक की शुरुआत की यह विमान को देखकर मेरा मुंह खुला रह गया तभी फैसलाकर लिया थ पहली बार को पीठ में बैठी तो नर्वस और किंचित थील लंबा बेहद रोमांचक था
किन ए
किन ए
वाराणसी में जन्मे 29 साल की शिवांगीन एक समाचार एजेंसी से कहां की मेरे जैसी कई महिलाएं पायलट बनना चाहती यह न सिर्फहमरा समाज का आधुनिदर्शाताहै बल्किदिखताहै दिखताहै की महिला अब अपने सपनों को पूरा कर सकती है उम्मीद है कि अंतरिक्षयत्री बनने का सपना भी पूरा होगा
शिवांगी के पतिहै शिवांगी ने कहा मेरीम फाइटर है। सूत्र मां मेरे लिएप्रेरणा सूत्र

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